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Education news
भाजपा के विधायक ने विधानसभा में प्रारंभिक शिक्षा विभाग में रिक्त पदों का मामला उठाया जिसके जवाब में पटल पर रिक्त पदों की सूची डाली गई जिसको देखकर आप हैरान हो जायेगे, शिक्षा के स्तर में सुधार की बात करने वाली सरकार की पोल खोल दी।
सिर्फ प्रारंभिक शिक्षा विभाग में द्वितिय श्रेणी शिक्षकों के 10064 से अधिक वही लेवल 2 के 19681 ,लेवल 1 के 24914, शारीरिक शिक्षकों के 3854 पद रिक्त चल रहे है
यही हाल माध्यमिक शिक्षा विभाग का है
कुल मिलाकर लेवल 1 एव 2 के 70000 से अधिक पड़ रिक्त चल रहे है।
बेरोजगारों के लिए संघर्षरत राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि सरकार रोजगार देने में विफल रही है। यदि 40000 पदों पर भर्ती नही की जाती है आंदोलन किया जाएगा वही सरकार के महीने बीत जाने के बाद भी वरिष्ठ अध्यपको का परिणाम भी नही जारी न करके बेरोजगारों को प्रताड़ित कर रही है।
इस लिंक पर देखे रिपोर्ट
https://drive.google.com/file/d/0B3SG5HnjMZobRlRmRWtQaXhqZ3c/view?usp=drivesdk
यह हुए सवाल जवाब
*(कैलास चौधरी विधायक)*
*प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा में अध्यापकों के रिक्त पद*
प्रश्न- (1) क्या यह सही है कि प्रदेश में प्रारम्भिक शिक्षा में अध्यापकों के अधिकांश पद रिक्त हैं ?
उत्तर- 1. जी नहीं ।
प्रारम्भिक शिक्षा विभाग अन्तर्गत प्रदेश के राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों के स्वीकृत एवं रिक्त पदों का विवरण निम्नानुसार है
*प्रश्न(2)* क्या यह भी सही है कि प्रारम्भिक शिक्षा में पद रिक्त होने के कारण शिक्षा की नींव कमजोर हो रही है? यदि हां, तो सरकार प्रारम्भिक शिक्षा को मजबूती प्रदान करने के लिए क्या कदम उठा रही है ? विवरण सदन की मेज पर रखें।*उत्तर*👉🏼 2. जी नहीं ।
प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पदस्थापित अध्यापकों द्वारा सुचारू रूप से शिक्षण कार्य करवाया जा रहा है । साथ ही बी.एड. में अध्ययनरत लगभग 95000 प्रशिक्षणार्थियों द्वारा प्रथम वर्ष में 4 सप्ताह एवं द्वितीय वर्ष में 16 सप्ताह का इन्टर्नशिप कार्यक्रम के द्वारा राजकीय विद्यालयों में 5 माह तक शिक्षण कार्य कराया जाता है। इस प्रकार वर्तमान में प्रथम चरण में 42000 बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों द्वारा इन्टर्नशिप कार्यक्रम के तहत राजकीय विद्यालयों में सितम्बर, 2017 से जनवरी, 2018 तक शिक्षण कार्य करवाया जा रहा है । शेष 53000 बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों द्वारा द्वितीय चरण में जनवरी, 2018 से सत्रान्त तक शिक्षण कार्य करवाया जायेगा । प्रारम्भिक शिक्षा के विस्तार के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता हेतु / मजबूती प्रदान करने के लिए विभाग द्वारा विभिन्न तरह की योजनाऐं / कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है । यथा- नि:शुल्क शिक्षा, अनिवार्य एवं बाल शिक्षा का अधिकार, एसआईक्यूई कार्यक्रम, नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण, मिड-डे-मील, विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियां, कक्षा-01 से ही अंग्रेजी विषय का अध्यापन, प्रारम्भिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण-पत्र परीक्षा, जिला स्तरीय प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्यांकन, टीचर परफोरमेन्स अप्रेजल, शाला सिद्धी कार्यक्रम(स्कूल मानक एवं मूल्यांकन) क्वालिटी मोनेटरिंग टूल्स, जिला स्कूल सलाहकार समिति बैठक आदि ।
राजकीय विद्यालयों के कक्षा-7 व 8 की योजना अनुसार उच्च अंक प्राप्त करने वाले नियमित विद्यार्थियों एवं राष्ट्रीय, राज्य स्तर के सांस्कृतिक, साहित्यिक, खेलकूद, स्काउट एवं गाईड विद्यार्थियों को योजना अनुसार चयनित कर शैक्षिक भ्रमण हेतु ले जाया जाता है एवं कक्षा 8 के प्रारम्भिक शिक्षा पात्रता परीक्षा में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में राज्य स्तरीय मेरिट के 6000 राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थी तथा प्रत्येक जिले से न्यूनतम 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले राजकीय विद्यालयों के जिला स्तरीय मेरिट के 100-100 विद्यार्थियों को लैपटॉप प्रदान किया जाता है ।
राज्य में प्रारम्भिक शिक्षा में सुधार एवं उन्नयन हेतु विभाग द्वारा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है एवं अधिकारियों द्वारा विद्यालयों का सतत् निरीक्षण, गुणवत्ता सुधार प्रभावी परिवीक्षण, रीडिंग कैम्पेन व सम्बलन के माध्यम से विद्यालयों का सतत् निरीक्षण कर शिक्षा में सुधार के प्रयास किये जा रहे है । इसी के साथ जिन बालकों की शैक्षिक उपलब्धि न्यून है उनके सुधार हेतु शिक्षकों द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे है तथा राजकीय विद्यालयों में नामांकन अभिवृद्धि हेतु प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के द्वारा प्रतिवर्ष अनामांकित बालकों को नामांकित किये जाने के प्रयास किये जा रहे है।
*प्रश्न*(3) क्या सरकार प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पदों को भरने का विचार रखती है ? यदि हां, तो कब तक व नहीं, तो क्यों ? विवरण सदन की मेज पर रखें।
*उत्तर*👉🏼प्रारम्भिक शिक्षा विभाग अन्तर्गत राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों के रिक्त पदों को भरने हेतु भर्ती संबंधी कार्य प्रक्रियाधीन है, जिसके अन्तर्गत शिक्षक भर्ती 2012 के तहत लगभग 5000 एवं शिक्षक भर्ती 2013 के अन्तर्गत लगभग 8000 पदों की भर्ती व पदस्थापन जिला परिषदों द्वारा करवाया जा रहा है ।
प्रारम्भिक शिक्षा विभाग द्वारा राजस्थान प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती 2016 अन्तर्गत 15000 पद विज्ञापित किये गये, जिसमें से अध्यापक लेवल-। के 7500 पदों पर नियुक्ति / पदस्थापन की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है तथा लेवल -।। के 7500 पदों पर भर्ती हेतु दिनांक 26.09.2017 से ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किये गये है, जिसमें से टीएसपी क्षेत्र के 1455 पदों पर भर्ती हेतु वर्गवार अन्तिम कट-ऑफ जारी कर दी गई है । तृतीय श्रेणी अध्यापक लेवल-। एवं लेवल-।। के कुल 25000 रिक्त पदों पर भर्ती की स्वीकृती प्रदान की गई है, जिसके अन्तर्गत फरवरी 2018 में अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन किये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है ।
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भाजपा के विधायक ने विधानसभा में प्रारंभिक शिक्षा विभाग में रिक्त पदों का मामला उठाया जिसके जवाब में पटल पर रिक्त पदों की सूची डाली गई जिसको देखकर आप हैरान हो जायेगे, शिक्षा के स्तर में सुधार की बात करने वाली सरकार की पोल खोल दी।
सिर्फ प्रारंभिक शिक्षा विभाग में द्वितिय श्रेणी शिक्षकों के 10064 से अधिक वही लेवल 2 के 19681 ,लेवल 1 के 24914, शारीरिक शिक्षकों के 3854 पद रिक्त चल रहे है
यही हाल माध्यमिक शिक्षा विभाग का है
कुल मिलाकर लेवल 1 एव 2 के 70000 से अधिक पड़ रिक्त चल रहे है।
बेरोजगारों के लिए संघर्षरत राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि सरकार रोजगार देने में विफल रही है। यदि 40000 पदों पर भर्ती नही की जाती है आंदोलन किया जाएगा वही सरकार के महीने बीत जाने के बाद भी वरिष्ठ अध्यपको का परिणाम भी नही जारी न करके बेरोजगारों को प्रताड़ित कर रही है।
इस लिंक पर देखे रिपोर्ट
https://drive.google.com/file/d/0B3SG5HnjMZobRlRmRWtQaXhqZ3c/view?usp=drivesdk
यह हुए सवाल जवाब
*(कैलास चौधरी विधायक)*
*प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा में अध्यापकों के रिक्त पद*
प्रश्न- (1) क्या यह सही है कि प्रदेश में प्रारम्भिक शिक्षा में अध्यापकों के अधिकांश पद रिक्त हैं ?
उत्तर- 1. जी नहीं ।
प्रारम्भिक शिक्षा विभाग अन्तर्गत प्रदेश के राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों के स्वीकृत एवं रिक्त पदों का विवरण निम्नानुसार है
*प्रश्न(2)* क्या यह भी सही है कि प्रारम्भिक शिक्षा में पद रिक्त होने के कारण शिक्षा की नींव कमजोर हो रही है? यदि हां, तो सरकार प्रारम्भिक शिक्षा को मजबूती प्रदान करने के लिए क्या कदम उठा रही है ? विवरण सदन की मेज पर रखें।*उत्तर*👉🏼 2. जी नहीं ।
प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पदस्थापित अध्यापकों द्वारा सुचारू रूप से शिक्षण कार्य करवाया जा रहा है । साथ ही बी.एड. में अध्ययनरत लगभग 95000 प्रशिक्षणार्थियों द्वारा प्रथम वर्ष में 4 सप्ताह एवं द्वितीय वर्ष में 16 सप्ताह का इन्टर्नशिप कार्यक्रम के द्वारा राजकीय विद्यालयों में 5 माह तक शिक्षण कार्य कराया जाता है। इस प्रकार वर्तमान में प्रथम चरण में 42000 बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों द्वारा इन्टर्नशिप कार्यक्रम के तहत राजकीय विद्यालयों में सितम्बर, 2017 से जनवरी, 2018 तक शिक्षण कार्य करवाया जा रहा है । शेष 53000 बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों द्वारा द्वितीय चरण में जनवरी, 2018 से सत्रान्त तक शिक्षण कार्य करवाया जायेगा । प्रारम्भिक शिक्षा के विस्तार के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता हेतु / मजबूती प्रदान करने के लिए विभाग द्वारा विभिन्न तरह की योजनाऐं / कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है । यथा- नि:शुल्क शिक्षा, अनिवार्य एवं बाल शिक्षा का अधिकार, एसआईक्यूई कार्यक्रम, नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण, मिड-डे-मील, विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियां, कक्षा-01 से ही अंग्रेजी विषय का अध्यापन, प्रारम्भिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण-पत्र परीक्षा, जिला स्तरीय प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्यांकन, टीचर परफोरमेन्स अप्रेजल, शाला सिद्धी कार्यक्रम(स्कूल मानक एवं मूल्यांकन) क्वालिटी मोनेटरिंग टूल्स, जिला स्कूल सलाहकार समिति बैठक आदि ।
राजकीय विद्यालयों के कक्षा-7 व 8 की योजना अनुसार उच्च अंक प्राप्त करने वाले नियमित विद्यार्थियों एवं राष्ट्रीय, राज्य स्तर के सांस्कृतिक, साहित्यिक, खेलकूद, स्काउट एवं गाईड विद्यार्थियों को योजना अनुसार चयनित कर शैक्षिक भ्रमण हेतु ले जाया जाता है एवं कक्षा 8 के प्रारम्भिक शिक्षा पात्रता परीक्षा में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में राज्य स्तरीय मेरिट के 6000 राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थी तथा प्रत्येक जिले से न्यूनतम 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले राजकीय विद्यालयों के जिला स्तरीय मेरिट के 100-100 विद्यार्थियों को लैपटॉप प्रदान किया जाता है ।
राज्य में प्रारम्भिक शिक्षा में सुधार एवं उन्नयन हेतु विभाग द्वारा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है एवं अधिकारियों द्वारा विद्यालयों का सतत् निरीक्षण, गुणवत्ता सुधार प्रभावी परिवीक्षण, रीडिंग कैम्पेन व सम्बलन के माध्यम से विद्यालयों का सतत् निरीक्षण कर शिक्षा में सुधार के प्रयास किये जा रहे है । इसी के साथ जिन बालकों की शैक्षिक उपलब्धि न्यून है उनके सुधार हेतु शिक्षकों द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे है तथा राजकीय विद्यालयों में नामांकन अभिवृद्धि हेतु प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के द्वारा प्रतिवर्ष अनामांकित बालकों को नामांकित किये जाने के प्रयास किये जा रहे है।
*प्रश्न*(3) क्या सरकार प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पदों को भरने का विचार रखती है ? यदि हां, तो कब तक व नहीं, तो क्यों ? विवरण सदन की मेज पर रखें।
*उत्तर*👉🏼प्रारम्भिक शिक्षा विभाग अन्तर्गत राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों के रिक्त पदों को भरने हेतु भर्ती संबंधी कार्य प्रक्रियाधीन है, जिसके अन्तर्गत शिक्षक भर्ती 2012 के तहत लगभग 5000 एवं शिक्षक भर्ती 2013 के अन्तर्गत लगभग 8000 पदों की भर्ती व पदस्थापन जिला परिषदों द्वारा करवाया जा रहा है ।
प्रारम्भिक शिक्षा विभाग द्वारा राजस्थान प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती 2016 अन्तर्गत 15000 पद विज्ञापित किये गये, जिसमें से अध्यापक लेवल-। के 7500 पदों पर नियुक्ति / पदस्थापन की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है तथा लेवल -।। के 7500 पदों पर भर्ती हेतु दिनांक 26.09.2017 से ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किये गये है, जिसमें से टीएसपी क्षेत्र के 1455 पदों पर भर्ती हेतु वर्गवार अन्तिम कट-ऑफ जारी कर दी गई है । तृतीय श्रेणी अध्यापक लेवल-। एवं लेवल-।। के कुल 25000 रिक्त पदों पर भर्ती की स्वीकृती प्रदान की गई है, जिसके अन्तर्गत फरवरी 2018 में अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन किये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है ।
1 Comments
सर जी ये 40000 निकालेंगे या 25000 मुझे तो 40000 में डाउट है।
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